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Delhi University में प्रवेश मिलने के बावजूद हॉस्टल मिलना क्‍यों है मुस्किल

Delhi University में प्रवेश मिलने के बावजूद हॉस्टल मिलना क्_यों है मुस्किल-min
लिस्ट में अपना नाम देखती छात्राए

Despite Getting Admission in Delhi University, the Hostel is Not available -दिल्ली यूनिवर्सिटी भारत की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी में से एक है हर साल लाखो स्टूडेंट्स दिल्ली यूनिवर्सिटी  में एडमिशन लेने के लिए फॉर्म भरते है मगर उन में से कुछ ही छात्रो को एडमिशन मिल पता है क्योकि दिल्ली यूनिवर्सिटी की हाई कट ऑफ इसका सबसे बड़ा करण माना जाता है | दाखिला मिलने तक तो ठीक है परन्तु शयद  आपको ये नही पता होगा दाखिला मिलने के बाद छात्रों को हॉस्टल नहीं मिल पाता, अब  दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने के लिए देश विदेश से छात्र आते है और यही उन्हें दाखिला मिलने के बाबजूद होस्टल न मिले तो कहा रहेगे| यही कारण है की  हर साल बाहर से आने वाले छात्रों की तादाद बढ़ती जा रही है मगर डीयू के हॉस्टल्स में इजाफा नहीं हो रहा है। और यही बजह है विचारे बहार से आने वाले छात्रों को  हॉस्टल की सीटों के लेकर अलर्ट किया है। उन्हें सुझाव दिया गया है कि आउट बहार के  कैंडिडेट जो की दुसरे प्रदेश या देशो से आये है उन्हें  पेइंग गेस्ट (PG) या फिर किराए पर ही रहना पड़ेगा| डीयू ऑफिसर्स का कहना है कि बाहर से आने वाले छात्रों की तादाद बहुत ज्यादा है, मगर उस अनुपात में सीटें कम हैं। इस वजह से पहले से ही बता दिया जाता है कि एडमिशन पाने वाले हर छात्र को हॉस्टल नहीं मिल पाएगा। यूनिवर्सिटी ने इसे अपनी इंफर्मेशन बुलेटिन में बताया है कि जिन्हें हॉस्टल नहीं मिलते हैं, वे छात्र पीजी हाउस या किराए में रहते हैं। डीयू में हॉस्टल मेरिट पर दिया जाता है।।

दिल्ली यूनिवर्सिटी के 18 कॉलेजों के हॉस्टल हैं, जहां अंडरग्रैजुएट स्टूडेंट्स के लिए सीटें रखी गई हैं। इनमें  इंद्रप्रस्थ कॉलेज फॉर विमन, किरोड़ीमल कॉलेज, एलएसआर कॉलेज, मिरांडा हाउस, दौलत राम कॉलेज फॉर विमन, शहीद राजगुरु कॉलेज ऑफ अप्लाइड साइंसेज फॉर विमन, अंडरग्रैजुएट हॉस्टल फॉर गर्ल्स, हंसराज कॉलेज, हिंदू कॉलेज, रामजस कॉलेज, एसआरसीसी, श्री वेंकटेश्वर, इंटरनैशनल स्टूडेंट्स हाउस फॉर विमन, एसजीबीटीबी खालसा कॉलेज, इंटरनैशनल स्टूडेंट्स हाउस, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, केश्वमहाविद्यालय शामिल हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है इस बार इंद्रप्रस्थ कॉलेज (IP) के गर्ल्स हॉस्टल में 370 सीटें हैं, वहां रिनोवेशन  चल रहा है इस वजह से सीट नही मिल पा रही है | इसकी वजह से सीटें 3085 ही रह जाएंगी। इसके अलावा हिंदू कॉलेज के नए गर्ल्स हॉस्टल में भी एडमिशन का मामला हॉस्टल के नियमों और बहुत ज्यादा फीस की वजह से अभी अटका हुआ है।  जबकि डीयू में हंसराज कॉलेज समेत कई अनन्य कॉलेजों में हॉस्टल बनने का प्रपोजल तो दिया गया है लेकिन शयद अभी छात्रो को कोई नया होस्टल मिलना नामुमकिन सा ही लग रहा है|

हॉस्टल फीस

यही बात करे हॉस्टल फीस की तो दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कई कई होस्टलो की फीस बढने  की तैयारी भी कर ली  है। यूनिवर्सिटी के अनुसार इस साल छात्रावासों में 20 से 25 फीसदी तक फीस बढ़ोत्तरी होगी इसी करण बहुत से छात्र धरने पर भी बेठे है | हॉस्टल कमिटी के अनुसार यह तक किया गया है कि नए सत्र से छात्रों को अपने छात्रावास के कमरे के लिए हर महीने 1200 रुपये अधिक देने होंगे। यानी कुल 2300 रुपये फीस कमरे के लिए हर माह  ली जाएगी जबकि इससे पहले छात्र 1100 रुपये हर महीने देते थे। कमिटी का कहना है की होस्टलो में पर्याप्त पूर्ति के लिए पूंजी की कमी के कारण फीस बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

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