Kanpur University Private Regular UG PG Exam Form 2024 Kanpur University B.A B.Com B.Sc Private And Regular Exam Form Kanpur University Private Exam Form 2024 Kanpur University Regular Exam Form 2024
Kanpur University Form 2024
About the University:
The Chhatrapati Shahu Ji Maharaj University in Kanpur has been on the map of higher education for more than three decades. Established in 1966, it has not looked back; now it has 170 affiliated colleges in 15 districts.
Private and regular examinations:
Chhatrapati Shahu Ji Maharaj University Kanpur often called Kanpur University conducts both regular and private examinations for undergraduate and postgraduate students. The examination forms for regular students Are filled out at concerned colleges, and for private students, forms are filled out through online procedures. Generally, for private students, the examination form-filling process starts in January, but it can be delayed. For the latest information, we advised all the students to keep visiting our website for the latest developments regarding the Kanpur University private regular UG/PG exam form.
U.G. Students Fail/Absent Environment Study, Regular & Private Students
संस्थागत बैक पेपर परीक्षा–2018-19 : आवश्यक–निर्देश :-
- स्नातक/स्नात्कोत्तर/विधि/बी.एड. के छात्र/छात्राओं हेतु केवल एक प्रश्नपत्र में ही बैक पेपर परीक्षा देने की अनुमति अनुमन्य है तथा बैक पेपर परीक्षा में प्राप्त होने वाले अंक ही अनुमन्य होंगे । मुख्य परीक्षा के प्राप्त अंक मान्य नहीं होंगे।
- इसी प्रकार श्रेणी सुधार हेतु बैक पेपर परीक्षा देने वाले छात्र/छात्राओं के वही अंक मान्य होंगे जो उसे श्रेणी सुधारने हेतु बैक पेपर परीक्षा में प्राप्त होंगे । मुख्य परीक्षा के प्राप्त अंक मान्य नहीं होंगे ।
- बैक पेपर परीक्षा हेतु ऑनलाइन आवेदन करने वाले छात्र यदि बैक पेपर परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो पाते हैं तो ऐसे परीक्षार्थियों के पूर्व प्राप्ताँक ही मान्य होंगे ।
- (क) स्नातक स्तर के परीक्षार्थियों के न्यूनतम अंक लिखित परीक्षा में 33 प्रतिशत, परास्नातक तथा बी.एड. में न्यूनतम 36 प्रतिशत तथा विधि में 48 प्रतिशत अंक होना चाहिये कुल प्राप्ताँक योग में प्रायोगिक परीक्षा के प्राप्ताँकों की गणना नहीं होगी परन्तु परास्नातक, विधि तथा बी.एड. में निर्धारित प्रतिशत में 10 अंको की छूट केवल बैक पेपर परीक्षा के लिये होगी । परास्नातक एवं विधि के ऐसे छात्र अगली उच्च कक्षा में प्रवेश अथवा परीक्षा के लिये अर्ह नहीं होगे ।
- स्नातक प्रथम बर्ष के वे छात्र जो नियमानुसार दो विषय में पास होंगे और एक विषय में अनुत्तीर्ण होंगे परन्तु लिखित योगांक प्रायोगिक अंक छोड़कर 33 प्रतिशत होंगे तभी वे केवल एक प्रश्न पत्र में बैक पेपर परीक्षा हेतु अर्ह होंगे ।
- स्नातक स्तर पर बैक पेपर परीक्षा हेतु अर्ह छात्र/छात्राऐं अगली उच्च कक्षा में अस्थायी रूप से प्रवेश ले सकेंगे । उन्हें अस्थायी रूप से अगली उच्च कक्षा में प्रवेश इस प्रतिबन्ध के साथ प्राप्त होगा कि यदि वे बैक पेपर परीक्षा मे अनुत्तीर्ण हो जाते है तो उनका उच्च कक्षा में अस्थायी प्रवेश स्वतः निरस्त माना जायेगा ।
- स्नातक तृतीय बर्ष में बैक पेपर के परीक्षार्थी अगली उच्च कक्षा परास्नातक पुर्वार्द्ध में प्रवेश/परीक्षा के अधिकारी नहीं होंगे ।
- मुख्य परीक्षा के उपरान्त बैक पेपर में सम्मिलित होने की सुविधा हेतु केवल एक ही अवसर अनुमन्य होगा ।
- उक्त प्रावधानों के अन्तर्गत यह सुविधा केवल उन्हीं परीक्षार्थियों को प्राप्त होगी जो मुख्य परीक्षा के सम्पूर्ण विषयों/प्रश्नपत्रों की परीक्षा में सम्मिलित होकर उत्तीर्ण अथवा अनुत्तीर्ण हुए हैं तथा अपना परीक्षाफल सुधारना चाहते हैं ।
- उक्त प्रावधानों के अन्तर्गत छात्र/छात्रा छूटी मौखिकी परीक्षा देने के अधिकारी नहीं होंगे ।
- किसी भी कक्षा के वे छात्र जो लिखित मुख्य परीक्षा में अनुपस्थित होंगे और उनकी परीक्षा का प्राप्तांक स्नातक स्तर पर 33 प्रतिशत परास्नातक एवं बी.एड. में 36 प्रतिशत तथा विधि परीक्षा में 48 प्रतिशत है तो उन्हें भी एक प्रश्नपत्र में बैक पेपर परीक्षा में सम्मिलित होने की अनुमति होगी ।
- परास्नातक उत्तरार्द्ध मे लिखित परीक्षा के योगांक में 10 अंक की छूट बैक पेपर हेतु अनुमन्य होगी परन्तु जो छात्र एक प्रश्नपत्र में अनुपस्थित होगा तथा मौखिकीय परीक्षा मे भी अनुपस्थित होने पर उक्त सुविधा अनुमन्य नहीं होगी ।
- उक्त प्रावधानों के अनुसार स्नातक स्तर पर जो परीक्षार्थी मात्र एक विषय में अनुत्तीर्ण है परन्तु उसका कुल प्राप्ताँक 33 प्रतिशत है तो वह अनुत्तीर्ण विषय के एक प्रश्नपत्र में बैक पेपर परीक्षा का अधिकारी है । इसी प्रकार परास्नातक एवं विधि परीक्षा में क्रमशः 36 तथा 48 प्रतिशत प्राप्ताँक अथवा उसमें 10 अंको के कम होने पर ही बैक पेपर सुविधा अनुमन्य होगी परन्तु वे अगली उच्च कक्षा में प्रवेश/परीक्षा के अधिकारी नहीं होगें।
Back Paper Form for Regular and Private Students 2018-19
संस्थागत बैक पेपर परीक्षा–2018-19 : आवश्यक–निर्देश :-
- स्नातक/स्नात्कोत्तर/विधि/बी.एड. के छात्र/छात्राओं हेतु केवल एक प्रश्नपत्र में ही बैक पेपर परीक्षा देने की अनुमति अनुमन्य है तथा बैक पेपर परीक्षा में प्राप्त होने वाले अंक ही अनुमन्य होंगे । मुख्य परीक्षा के प्राप्त अंक मान्य नहीं होंगे।
- इसी प्रकार श्रेणी सुधार हेतु बैक पेपर परीक्षा देने वाले छात्र/छात्राओं के वही अंक मान्य होंगे जो उसे श्रेणी सुधारने हेतु बैक पेपर परीक्षा में प्राप्त होंगे । मुख्य परीक्षा के प्राप्त अंक मान्य नहीं होंगे ।
- बैक पेपर परीक्षा हेतु ऑनलाइन आवेदन करने वाले छात्र यदि बैक पेपर परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो पाते हैं तो ऐसे परीक्षार्थियों के पूर्व प्राप्ताँक ही मान्य होंगे ।
- (क) स्नातक स्तर के परीक्षार्थियों के न्यूनतम अंक लिखित परीक्षा में 33 प्रतिशत, परास्नातक तथा बी.एड. में न्यूनतम 36 प्रतिशत तथा विधि में 48 प्रतिशत अंक होना चाहिये कुल प्राप्ताँक योग में प्रायोगिक परीक्षा के प्राप्ताँकों की गणना नहीं होगी परन्तु परास्नातक, विधि तथा बी.एड. में निर्धारित प्रतिशत में 10 अंको की छूट केवल बैक पेपर परीक्षा के लिये होगी । परास्नातक एवं विधि के ऐसे छात्र अगली उच्च कक्षा में प्रवेश अथवा परीक्षा के लिये अर्ह नहीं होगे ।
- स्नातक प्रथम बर्ष के वे छात्र जो नियमानुसार दो विषय में पास होंगे और एक विषय में अनुत्तीर्ण होंगे परन्तु लिखित योगांक प्रायोगिक अंक छोड़कर 33 प्रतिशत होंगे तभी वे केवल एक प्रश्न पत्र में बैक पेपर परीक्षा हेतु अर्ह होंगे ।
- स्नातक स्तर पर बैक पेपर परीक्षा हेतु अर्ह छात्र/छात्राऐं अगली उच्च कक्षा में अस्थायी रूप से प्रवेश ले सकेंगे । उन्हें अस्थायी रूप से अगली उच्च कक्षा में प्रवेश इस प्रतिबन्ध के साथ प्राप्त होगा कि यदि वे बैक पेपर परीक्षा मे अनुत्तीर्ण हो जाते है तो उनका उच्च कक्षा में अस्थायी प्रवेश स्वतः निरस्त माना जायेगा ।
- स्नातक तृतीय बर्ष में बैक पेपर के परीक्षार्थी अगली उच्च कक्षा परास्नातक पुर्वार्द्ध में प्रवेश/परीक्षा के अधिकारी नहीं होंगे ।
- मुख्य परीक्षा के उपरान्त बैक पेपर में सम्मिलित होने की सुविधा हेतु केवल एक ही अवसर अनुमन्य होगा ।
- उक्त प्रावधानों के अन्तर्गत यह सुविधा केवल उन्हीं परीक्षार्थियों को प्राप्त होगी जो मुख्य परीक्षा के सम्पूर्ण विषयों/प्रश्नपत्रों की परीक्षा में सम्मिलित होकर उत्तीर्ण अथवा अनुत्तीर्ण हुए हैं तथा अपना परीक्षाफल सुधारना चाहते हैं ।
- उक्त प्रावधानों के अन्तर्गत छात्र/छात्रा छूटी मौखिकी परीक्षा देने के अधिकारी नहीं होंगे ।
- किसी भी कक्षा के वे छात्र जो लिखित मुख्य परीक्षा में अनुपस्थित होंगे और उनकी परीक्षा का प्राप्तांक स्नातक स्तर पर 33 प्रतिशत परास्नातक एवं बी.एड. में 36 प्रतिशत तथा विधि परीक्षा में 48 प्रतिशत है तो उन्हें भी एक प्रश्नपत्र में बैक पेपर परीक्षा में सम्मिलित होने की अनुमति होगी ।
- परास्नातक उत्तरार्द्ध मे लिखित परीक्षा के योगांक में 10 अंक की छूट बैक पेपर हेतु अनुमन्य होगी परन्तु जो छात्र एक प्रश्नपत्र में अनुपस्थित होगा तथा मौखिकीय परीक्षा मे भी अनुपस्थित होने पर उक्त सुविधा अनुमन्य नहीं होगी ।
- उक्त प्रावधानों के अनुसार स्नातक स्तर पर जो परीक्षार्थी मात्र एक विषय में अनुत्तीर्ण है परन्तु उसका कुल प्राप्ताँक 33 प्रतिशत है तो वह अनुत्तीर्ण विषय के एक प्रश्नपत्र में बैक पेपर परीक्षा का अधिकारी है । इसी प्रकार परास्नातक एवं विधि परीक्षा में क्रमशः 36 तथा 48 प्रतिशत प्राप्ताँक अथवा उसमें 10 अंको के कम होने पर ही बैक पेपर सुविधा अनुमन्य होगी परन्तु वे अगली उच्च कक्षा में प्रवेश/परीक्षा के अधिकारी नहीं होगें।
Back Paper Exam Application For B.Ed/M.Ed 2018-19 & Ex-Students Exam Application For B.Ed/M.Ed 2018-19
संस्थागत बैक पेपर परीक्षा–2018-19 : आवश्यक–निर्देश :-
- स्नातक/स्नात्कोत्तर/विधि/बी.एड. के छात्र/छात्राओं हेतु केवल एक प्रश्नपत्र में ही बैक पेपर परीक्षा देने की अनुमति अनुमन्य है तथा बैक पेपर परीक्षा में प्राप्त होने वाले अंक ही अनुमन्य होंगे । मुख्य परीक्षा के प्राप्त अंक मान्य नहीं होंगे।
- इसी प्रकार श्रेणी सुधार हेतु बैक पेपर परीक्षा देने वाले छात्र/छात्राओं के वही अंक मान्य होंगे जो उसे श्रेणी सुधारने हेतु बैक पेपर परीक्षा में प्राप्त होंगे । मुख्य परीक्षा के प्राप्त अंक मान्य नहीं होंगे ।
- बैक पेपर परीक्षा हेतु ऑनलाइन आवेदन करने वाले छात्र यदि बैक पेपर परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो पाते हैं तो ऐसे परीक्षार्थियों के पूर्व प्राप्ताँक ही मान्य होंगे ।
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- (क) स्नातक स्तर के परीक्षार्थियों के न्यूनतम अंक लिखित परीक्षा में 33 प्रतिशत, परास्नातक तथा बी.एड. में न्यूनतम 36 प्रतिशत तथा विधि में 48 प्रतिशत अंक होना चाहिये कुल प्राप्ताँक योग में प्रायोगिक परीक्षा के प्राप्ताँकों की गणना नहीं होगी परन्तु परास्नातक, विधि तथा बी.एड. में निर्धारित प्रतिशत में 10 अंको की छूट केवल बैक पेपर परीक्षा के लिये होगी । परास्नातक एवं विधि के ऐसे छात्र अगली उच्च कक्षा में प्रवेश अथवा परीक्षा के लिये अर्ह नहीं होगे ।
- (ख) स्नातक प्रथम बर्ष के वे छात्र जो नियमानुसार दो विषय में पास होंगे और एक विषय में अनुत्तीर्ण होंगे परन्तु लिखित योगांक प्रायोगिक अंक छोड़कर 33 प्रतिशत होंगे तभी वे केवल एक प्रश्न पत्र में बैक पेपर परीक्षा हेतु अर्ह होंगे ।
- (ग) स्नातक स्तर पर बैक पेपर परीक्षा हेतु अर्ह छात्र/छात्राऐं अगली उच्च कक्षा में अस्थायी रूप से प्रवेश ले सकेंगे । उन्हें अस्थायी रूप से अगली उच्च कक्षा में प्रवेश इस प्रतिबन्ध के साथ प्राप्त होगा कि यदि वे बैक पेपर परीक्षा मे अनुत्तीर्ण हो जाते है तो उनका उच्च कक्षा में अस्थायी प्रवेश स्वतः निरस्त माना जायेगा ।
- (घ) स्नातक तृतीय बर्ष में बैक पेपर के परीक्षार्थी अगली उच्च कक्षा परास्नातक पुर्वार्द्ध में प्रवेश/परीक्षा के अधिकारी नहीं होंगे ।
- मुख्य परीक्षा के उपरान्त बैक पेपर में सम्मिलित होने की सुविधा हेतु केवल एक ही अवसर अनुमन्य होगा ।
- उक्त प्रावधानों के अन्तर्गत यह सुविधा केवल उन्हीं परीक्षार्थियों को प्राप्त होगी जो मुख्य परीक्षा के सम्पूर्ण विषयों/प्रश्नपत्रों की परीक्षा में सम्मिलित होकर उत्तीर्ण अथवा अनुत्तीर्ण हुए हैं तथा अपना परीक्षाफल सुधारना चाहते हैं ।
- उक्त प्रावधानों के अन्तर्गत छात्र/छात्रा छूटी मौखिकी परीक्षा देने के अधिकारी नहीं होंगे ।
- किसी भी कक्षा के वे छात्र जो लिखित मुख्य परीक्षा में अनुपस्थित होंगे और उनकी परीक्षा का प्राप्तांक स्नातक स्तर पर 33 प्रतिशत परास्नातक एवं बी.एड. में 36 प्रतिशत तथा विधि परीक्षा में 48 प्रतिशत है तो उन्हें भी एक प्रश्नपत्र में बैक पेपर परीक्षा में सम्मिलित होने की अनुमति होगी ।
- परास्नातक उत्तरार्द्ध मे लिखित परीक्षा के योगांक में 10 अंक की छूट बैक पेपर हेतु अनुमन्य होगी परन्तु जो छात्र एक प्रश्नपत्र में अनुपस्थित होगा तथा मौखिकीय परीक्षा मे भी अनुपस्थित होने पर उक्त सुविधा अनुमन्य नहीं होगी ।
- उक्त प्रावधानों के अनुसार स्नातक स्तर पर जो परीक्षार्थी मात्र एक विषय में अनुत्तीर्ण है परन्तु उसका कुल प्राप्ताँक 33 प्रतिशत है तो वह अनुत्तीर्ण विषय के एक प्रश्नपत्र में बैक पेपर परीक्षा का अधिकारी है । इसी प्रकार परास्नातक एवं विधि परीक्षा में क्रमशः 36 तथा 48 प्रतिशत प्राप्ताँक अथवा उसमें 10 अंको के कम होने पर ही बैक पेपर सुविधा अनुमन्य होगी परन्तु वे अगली उच्च कक्षा में प्रवेश/परीक्षा के अधिकारी नहीं होगें।
Private/Single Subject Exam Application 2018-19
Eligibility for Private/Single Subject Exam Application :-
Advertisement for Private/Single Subject Exam Application-
Important Dates for Submission of Private/Single Subject Exam Application
Procedure of Online Submission for Private/Single Subject Exam Application
व्यक्तिगत/एक विषय परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु पात्रता (Eligibility) व्यक्तिगत परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु पात्रता
- बी0ए0 प्रथम वर्ष हेतु इण्टर या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है ।
- बी0काम0 प्रथम वर्ष हेतु इण्टर या समकक्ष परीक्षा कामर्स विषय के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है ।
- व्यक्तिगत परीक्षार्थी केवल बी.ए. (प्रायोगिक विषय एवं गणित को छोड़कर), एम.ए. (प्रायोगिक विषय तथा शिक्षाशास्त्र विषय छोड़कर) तथा बी.काम. एवं एम.काम. परीक्षा हेतु आवेदन कर सकते है । विषय एवं प्रश्नपत्रों का चयन नियमानुसार ही करना होगा । एक बार चुने गये विषय/प्रश्नपत्र में परिवर्तन हेतु कोई निवेदन स्वीकार नही होगा ।
- बी.ए. परीक्षा हेतु आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को व्यक्तिगत छात्र के रूप में विषय चयन हेतु निम्नलिखित प्रतिबन्ध है :
- शिक्षा-शास्त्र के साथ दर्शन शास्त्र विषय का चयन नही किया जा सकता है ।
- इतिहास/प्राचीन इतिहास भारतीय में से एक ही विषय का चयन किया जा सकता है ।
- हिन्दी भाषा अथवा अंग्रेजी भाषा में से एक ही विषय का चयन किया जा सकता है ।
- तीन साहित्य विषयों का चयन एक साथ नहीं किया जा सकता ।
- हिन्दी साहित्य एवं उर्दू साहित्य का चयन भी एक साथ नही किया जा सकता ।
- एम.ए. परीक्षा हेतु वही अभ्यर्थी अर्ह होगें जिन्होने स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण की है तथा एम.काम. के लिये वही अभ्यर्थी अर्ह होगें जिसने बी.काम. परीक्षा उत्तीर्ण की है ।
- परास्नातक परीक्षा में संकाय परिवर्तन हेतु स्नातक परीक्षा में 55 प्रतिशत अंक होना आवश्यक है। SC/ST वर्ग के अभ्यर्थियों को 5% की छूट अनुमन्य है।
- स्नातक उपाधि पाठ्यक्रम पूरा करने की अधिकतम अवधि 07 वर्ष तथा परास्नातक उपाधि को पूरा करने की अवधि 05 वर्ष निर्धारित है। उक्त अवधि में पाठ्यक्रम पूरा न करने पर पुन: प्रथम वर्ष से उपाधि परीक्षा में सम्मिलित होना होगा ।
- ऐसे अभ्यर्थी, जिनकी परीक्षा अनुचित साधन प्रयोग करने के कारण रद्द कर दी गयी है और जिन्हें कुछ वर्षों के लिए आगामी परीक्षा में बैठने के अधिकार से वंचित कर दिया गया गया है उन्हें इस वर्ष की परीक्षा या आगामी परीक्षा में बैठने की अनुमति तभी होगी जब रद्द/निषेधित अवधि समाप्त हो जायेगी ।
- जो अभ्यर्थी आई0सी0एस0ई0/सी0बी0एस0ई0 या इण्टरमीडियट परीक्षा के समकक्ष अन्य किसी बोर्ड जिनमें माइग्रेशन सर्टीफिकेट निर्गत करने का प्राविधान हैए उन्हें स्नातक में नामांकन हेतु माइग्रेशन सर्टीफिकेट प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा । परास्नतक प्रथम वर्ष कक्षाओं में आवेदन करने वाले वे अभ्यर्थी जिन्होंने अपना स्नातक पाठ्यक्रम किसी अन्य विश्वविद्यालय से पूर्ण किया है और वे वर्तमान में इस विश्वविद्यालय में नामांकित नही हैंए उन्हें कम्प्यूटर जनित आवेदन पत्र के साथ अपने माइग्रेशन सर्टीफिकेट को लगाना अनिवार्य होगा।
- विदेशी अभ्यर्थियों अथवा अन्य प्रदेशों तथा अन्य विश्वविद्यालयों के क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत निवास करने वाले अभ्यर्थियों को व्यक्तिगत परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु आवेदन की अनुमति नहीं है, ऐसे अभ्यर्थी केवल संस्थागत अभ्यर्थी हो सकते है परन्तु केन्द्रीय/प्रतिरक्षा/सार्वजनिक उपक्रमो में कार्यरत कर्मचारियों व उनके आश्रितों (पाल्य) का स्थानान्तरण अथवा सेवामुक्त होने पर विश्वविद्यालय परिक्षेत्र में स्थाई निवास सम्बन्धी सक्षम अधिकारी का प्रमाणपत्र/शपथपत्र प्रस्तुत करने पर व्यक्तिगत परीक्षार्थी के रूप में विश्वविद्यालय परीक्षा में सम्मिलित होने की अनुमति, यदि अन्यथा अर्ह हो, तो दी जा सकती है।
- नेत्रहीन छात्रों को परीक्षा शुल्क से मुक्ति प्राप्त होने के साथ.साथ आधा घण्टे का अतिरिक्त समय प्रश्नपत्रों को हल करने के लिए दिया जाता है श्रुति लेखक के पारिश्रमिक का भुगतान विश्वविद्यालय द्वारा रसीद प्रस्तुत करने पर दिया जाता है । नेत्रहीन छात्रों को मान्यता प्राप्त चिकित्सक से प्रमाण पत्र प्राप्त कर विश्वविद्यालय को प्रस्तुत करना होगा तथा उसकी एक फोटो प्रति परीक्षा देते समय अपने पास रखनी होगी। श्रुति लेखक वि0वि0 द्वारा नियुक्त किया जायेगा।
- वे अभ्यर्थी जिन्होंने इण्टर/समकक्ष परीक्षा किसी ऐसी संस्था से उत्तीर्ण की है जो भारत सरकार/राज्य सरकार की शिक्षा परिषद् से अनुमोदित नही है, परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु अर्ह/अनुमन्य नही हैं।
- वे अभ्यर्थी जिन्होंने स्नातक परीक्षा ऐसे विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण की है जिसकी मान्यता यू.जी.सी. से नही है, परास्नातक परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु अर्ह/अनुमन्य नहीं हैं।
व्यक्तिगत एक विषय परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु पात्रता
- एक विषय/एक प्रश्न पत्र के अभ्यर्थियों के लिये आवश्यक है कि उन्होंने स्नातक/परास्नातक की परीक्षा छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण किया हो ।
- यदि किसी पूर्व नामांकित अभ्यर्थी ने इस विश्वविद्यालय से माइग्रेशन सर्टीफिकेट प्राप्त कर लिया हो तो उसे अपने पुराने नामांकन का नवीनीकरण कराना आवश्यक होगा। ऐसे अभ्यर्थी पुन: नामांकित हुये बिना एक विषय/प्रश्न पत्र की परीक्षा हेतु अर्ह नही होंगे ।
- ऐसे अभ्यर्थी को जिनकी परीक्षा अनुचित साधन प्रयोग करने के कारण रद्द कर दी गयी है और जिन्हें कुछ वर्षों के लिए आगामी परीक्षा में बैठने के अधिकार से वंचित कर दिया गया गया है उन्हें इस वर्ष की परीक्षा या आगामी परीक्षा में बैठने की अनुमति तभी मिलेगी जब रद्द/निषेधित अवधि समाप्त हो जायेगी और विश्वविद्यालय द्वारा निर्गत आदेश परीक्षा आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना अनिवार्य होगा ।
- नेत्रहीन छात्रों को परीक्षा शुल्क से मुक्ति प्राप्त होने के साथ.साथ आधा घण्टे का अतिरिक्त समय प्रश्नपत्रों को हल करने के लिए दिया जाता है श्रुति लेखक के पारिश्रमिक का भुगतान विश्वविद्यालय द्वारा रसीद प्रस्तुत करने पर दिया जाता है । नेत्रहीन छात्रों को मान्यता प्राप्त चिकित्सक से प्रमाण पत्र प्राप्त कर विश्वविद्यालय को प्रस्तुत करना होगा तथा उसकी एक फोटो प्रति परीक्षा देते समय अपने पास रखनी होगी ।
Important Dates
Starting Date For Online Submission | 10-12-2018 |
Last Date For Online Submission | 09-01- |
Note – After Submission Of Online Application, Candidates Need To Submit By Registered Post Computer Generated Print With All Enclousers To “Examination Controller – Private Examination Department – Chhatrapati Shahu Ji Maharaj University Kanpur” Within 7 Days Of Application Submission.
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